अहमदाबाद: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज अहमदाबाद में गुजरात लोकसेवा ट्रस्ट द्वारा आयोजित ‘लोकसेवा का उत्सव’ कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर अमित शाह ने गुजरात लोकसेवा ट्रस्ट के 34 वर्षों की यात्रा को याद करते हुए कहा कि यह संस्था 35वें वर्ष में प्रवेश कर रही है, और यह सतत कार्य और समाज सेवा के प्रति समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि किसी संस्था का 35 वर्षों तक बिना रुके एक उद्देश्य की दिशा में काम करना बेहद सराहनीय है।
अपने संबोधन में अमित शाह ने ज्ञान की परिभाषा को स्पष्ट करते हुए कहा कि सच्चा ज्ञानी वही होता है, जो स्वयं से पहले दूसरों की चिंता करता है और लोकसेवा के कार्यों में भागीदार होता है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसेवा और लोककल्याण के कार्यों से ही आत्मसंतोष मिलता है, क्योंकि मनुष्य की असली खुशी दूसरों की मदद करने में ही होती है।
अमित शाह ने गुजरात लोकसेवा ट्रस्ट की सराहना करते हुए बताया कि इस ट्रस्ट ने पिछले 34 वर्षों में जरूरतमंद छात्रों की मदद, दिव्यांगों के कल्याण, और मरीज़ों को चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ट्रस्ट ने अब तक लगभग पांच लाख से अधिक लोगों के जीवन में बदलाव लाने का कार्य किया है।
गृह मंत्री ने भारत के संविधान के निर्माण के समय डॉ. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा कहे गए शब्दों का उल्लेख करते हुए बताया कि संविधान का मुख्य उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना था। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले कोई भी सरकार देशवासियों को गरीबी से मुक्ति दिलाने के बारे में नहीं सोच पाई, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद यह संकल्प लिया कि हर भारतीय नागरिक को जीवन की सभी मूलभूत सुविधाएं मिलें।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गरीब कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनके माध्यम से हर घर में शौचालय, गैस कनेक्शन, घर और मुफ्त अनाज उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ-साथ, गरीबों के स्वास्थ्य का खर्च भी सरकार द्वारा उठाया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि 2014 से 2024 तक के 10 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी ने देश में गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया और गरीबी रेखा से ऊपर उठाने के प्रयास किए। उन्होंने यह बताया कि अब तक 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ चुके हैं।
अमित शाह ने गुजरात के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि यहां चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या जनसंख्या के अनुपात में सबसे अधिक है। इसके साथ ही, गुजरात में सबसे ज्यादा रक्तदान, चक्षुदान और अंगदान होते हैं। उन्होंने यह कहा कि गुजरात की संस्कृति और स्वभाव में गांधी जी के आदर्श समाहित हैं।